उत्‍तराखण्‍ड

प्रणिता कंडवाल “कस्तूरी” ने पर्यावरण मित्रों के साथ मिलकर भारतीय एवम जापानी तकनीक से किया वृक्षारोपण

संदीप बिष्ट
कोटद्वार। पर्यावरण संरक्षण का संकल्प हृदय में संजोए समाज सेवी प्रणिता कंडवाल “कस्तूरी” ने पर्यावरण संरक्षण के तहत वृक्षारोपण की मुहीम शुरू की है। प्रणिता कंडवाल “कस्तूरी” अपने पर्यावरण मित्रों के साथ मिलकर भारतीय और जापानी तकनीकों का समावेश कर कण्व नगरी कोटद्वार के विभिन्न क्षेत्रों में लगातार वृक्षारोपण और उनका संरक्षण कर रही है। वृक्षारोपण अभियान के तहत उनके एवम उनके पर्यावरण मित्रों द्वारा कण्व नगरी कोटद्वार के विभिन्न क्षेत्रों हल्दूखाता खाम क्षेत्र ,झंडीचौड़, भगवत ग्लोबल यूनिवर्सिटी, कण्व आश्रम, आदर्श विद्या निकेतन हल्दूखाता, रामलीला मैदान, झंडीचौड़, गुलरझाला एवम श्री सिद्धबलि मंदिर क्षेत्र आदि में विभिन्न प्रजातियों जैसे अमलतास, टिकोमा, सफ़ेद चंदन, लाल चंदन, पेंट्स, सांवली, मोरिंगा, अमरूद, जामुन, आवंला, कंजी, गुलमोहर, कैसिया, रोसिया, नीम, पीपल, बरगद आदि के 503 पौधे रोपे गए।


प्रणिता कंडवाल” कस्तूरी” ने जानकारी दी की पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किये जा रहे वृक्षारोपण में भारतीय तरीके एवम जापान के प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक मासानोबु फुकुओका द्वारा विकसित सीड बॉल तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। कहा की बंजर भूमि या अनुपजाऊ भूमि में विशेष रूप से बीजों को संरक्षित और अंकुरित करने के लिए सीड बॉल तकनीक का उपयोग किया जाता है। इस बात पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय जलवायु और विदेशों की जलवायु में बहुत अंतर है, इसलिए जलवायु के अनुसार ही सीड बॉल बनाएं।
उत्तराखंड के प्रथम अंगदानी परिवार के वरिष्ठ सदस्य , वरिष्ठ समाज सेवी एवम बुद्धिजीवी गिरिराज सिंह रावत ने प्रणिता कंडवाल” कस्तूरी” के द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए उनके द्वारा चलाई जा रही मुहीम के लिए हार्दिक शुभकामनाये देते हुए कहा प्रणिता कंडवाल” कस्तूरी” नि:स्वार्थ भाव से पर्यावरण संरक्षण के लिए वर्षों से कार्य करती आ रही है और उनको द्वारा किये गए प्रयासों से पर्यावरण संरक्षण, वनरोपण, और हरियाली को बढ़ाने में मदद मिलेगी। साथ ही कहा कि चाहे मनुष्य हो या कोई भी जीव-जंतु सभी को साँस लेने के लिए ऑक्सीजन जरूरी है, लेकिन वर्तमान में मनुष्य अपने स्वार्थ के लिए सभी के जीवन के लिए सबसे जरूरी पेड़ों को लगातार काट रहा है। कहा कि हम एक ओर मौलिक अधिकारों की तो बहुत बात करते हैं लेकिन मौलिक कर्तव्यों को नहीं समझते। मनुष्य होने के नाते हमें पेड़ों को नहीं काटना चाहिए और यदि अगर पूर्व में पेड़ों को कटा भी गया है तो पूर्ति के लिए हमें अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए।
वहीँ आधारशिला रक्तदान समूह के संचालक रक्तपुरुष दलजीत सिंह ने प्रणिता के पर्यावरण संरक्षण के लिए संकल्पित कार्यों की सहराना करते हुए कहा वह समाज के लिए प्रेरणा स्वरूप है और उन्हें किसी भी सामाजिक कार्य को करने के बाद पर्दे में छिपने की बजाय आगे आना होगा जिससे आज की युवा एवं मातृ शक्ति प्रेरित हो सके।
प्रणिता कंडवाल “कस्तूरी” ने वृक्षारोपण अभियान में साथ देने के लिए वृक्ष मित्रों का आभार जताते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण अभियान को सफल बनाने के लिए वह दुनिया की किसी भी तकनीक का इस्तेमाल करने को तैयार हैं। वृक्षारोपण अभियान को सफ़ल बनाने के लिए राजू चोरासिया, प्रमोद , गौरव, मीनाक्षी, कृष्णा,रुश्वंत , पुष्पा आदि ने सहयोग किया।

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