देहरादून। मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र करने और हिसंक घटनाओं के विरोध में उत्तराखंड महिला मंच समेत विभिन्न जन संगठनों ने मानव ऋंखला बनाकर विरोध जताया। आक्रोशित लोगों ने मणिपुर सरकार और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। मणिपुर की सरकार को बर्खास्त कर पीएम और गृह मंत्री से इस्तीफा देने की मांग की है।
रविवार को विभिन्न संगठनों के लोग गांधी पार्क में एकत्र हुए। यहां बीज बचाओ आंदोलन के प्रणेता धूम सिंह नेगी, पर्यावरणविद् डॉ. रवि चोपड़ा, पूर्व मुख्य सचिव एसके दास, पूर्व अपर मुख्य सचिव विभा पुरी, पूर्व गढ़वाल कमिश्नर एसएस पांगती, पूर्व शिक्षा निदेशक नंद नंदन पांडेय और महिला मंच की अध्यक्ष कमला पंत के नेतृत्व में मानव ऋखंला बनाकर घंटाघर की ओर बढ़े।
मणिपुर और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान जनगीत भी गाए। घंटाघर से वापस गांधी पार्क के मुख्य गेट पर पहुंचे। यहां हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि वक्ताओं ने कहा कि मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र करने की घटना क्रूरता की सीमा को पार करने वाली घटना है। यह मानव मूल्यों में तेजी से आई गिरावट का नतीजा है। यह महिला सम्मान और बेटी बचाओ के खोखले नारों का भी उपहास है।
कहा कि मणिपुर से आने वाली खबरें साफ बता रही हैं कि इस मामले में अब भी लीपापोती की जा रही है। भीड़ में नजर आ रहे एक-एक व्यक्ति की पहचान कर उन्हें सलाखों की पीछे पहुंचाने की मांग की। इस मौके पर गीता गैरोला, निर्मला बिष्ट, उमा भट्ट, राजीव नयन बहुगुणा, अरण्य रंजन समून, शंकर गोपाल, समर भंडारी, विजय भट्ट, इंद्रेश नौटियाल, नितिन मलेठा, हिमांशु चौहान, त्रिलोचन भट्ट, गंगाधर नौटियाल, शंकर गोपाल, गिरधर पंडित, आरिफ खान, नगर काजी, पद्मा गुप्ता, एडवोकेट जितेन्द्र, लेखराज, राजेश पाल, जयकृत कंडवाल, सतीश धौलाखंडी, स्वाति नेगी, पद्मा गुप्ता आदि मौजू रहे।
मानव ऋखंला में ये संगठन रहे शामिल: मानव श्रृंखला उत्तराखंड महिला मंच, उत्तराखंड इंसानियत मंच, सर्वोदय मंडल, जनवादी महिला समिति, स्त्री मुक्ति लीग, उत्तराखंड जनजाति कल्याण समिति, रंग कल्याण संस्था, जोहार क्लब, नुमाइंदा ग्रुप ऑफ उत्तराखंड, भारत की नौजवान सभा, चेतना आंदोलन, सर्वोदय मंडल, सीटू, अखिल भारतीय किसान सभा, एसफआई, भारत ज्ञान विज्ञान समिति, एनएपीएसआर, जन संवाद समिति, सिख वेलफेयर सोसायटी, विकल्प, उत्तराखंड अगेंस्ट करप्शन, मसीह समाज, संवेदना, उत्तराखंड पीपुल्स फोरम आदि ने हिस्सा लिया। राजनीतिक दलों की ओर से कांग्रेस, सीपीआई, सीपीएम, सीपीआई एमएल के प्रतिनिधि भी रहे।