संवाददाता ठाकुर सुरेंद्र पाल सिंह (उत्तरकाशी)
उत्तरकाशी: जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और उत्तरकाशी पुलिस की संयुक्त टीम ने राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया। इस शिविर में छात्र/छात्राओं को नशा, साइबर अपराध, और सामाजिक कुरीतियों के प्रति जागरुक किया गया।
प्राधिकरण की सचिव श्रीमती श्वेता राणा चौहान ने नशे के कुप्रभावों के प्रति छात्र/छात्राओं को सजग किया और उन्हें अपने कैरियर पर फोकस करने की सलाह दी। प्रभारी महिला काउंसलिंग सेल उ0नि0 गीता ने साइबर, महिला और बाल अपराधों के प्रति सचेत किया और डायल 112, साइबर हेल्पलाइन नम्बर 1930, और उत्तराखण्ड पुलिस एप्प के गौरा शक्ति मॉड्यूल की जानकारी दी।
कार्यक्रम में पी0जी0 कॉलेज के प्रवक्ता, डुण्डा चौकी प्रभारी, और चौकी प्रभारी बाजार सहित जिला प्राधिकरण की टीम उपस्थित रही।
इस विधिक साक्षरता शिविर का मुख्य उद्देश्य युवाओं को नशे की लत, साइबर अपराधों, और सामाजिक कुरीतियों के प्रति सचेत करना और उन्हें इनसे बचने के लिए आवश्यक जानकारी और संसाधन प्रदान करना था। शिविर में उपस्थित विशेषज्ञों ने छात्र/छात्राओं को विधिक अधिकारों और उनके संरक्षण के तरीकों के बारे में भी जानकारी दी।
इस अवसर पर छात्र/छात्राओं ने विभिन्न प्रकार के प्रश्न पूछे और विशेषज्ञों ने उनके प्रश्नों का समाधान किया। शिविर के अंत में, छात्रों ने नशे के खिलाफ और साइबर सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई और इस तरह के शिविरों के आयोजन की सराहना की।
इस कार्यक्रम के सफल आयोजन से यह स्पष्ट होता है कि शिक्षा और जागरुकता के माध्यम से युवाओं को सशक्त बनाना संभव है, और इससे समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में मदद मिलती है। इस तरह के शिविर न केवल छात्रों को जागरुक बनाते हैं, बल्कि उन्हें अपने अधिकारों के प्रति सचेत भी करते हैं।
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इस शिविर के दौरान, छात्र/छात्राओं को विधिक प्रक्रियाओं और उनके अधिकारों की गहन समझ प्रदान की गई। विशेषज्ञों ने नशे की लत और साइबर अपराधों के खतरों पर चर्चा की और इनसे बचाव के लिए उपाय सुझाए। छात्रों को अपने अधिकारों का प्रयोग करने और अपनी सुरक्षा के लिए जागरुक रहने की महत्वपूर्णता समझाई गई।
शिविर में उपस्थित अधिकारियों ने छात्रों को विधिक सहायता प्राप्त करने के विभिन्न माध्यमों की जानकारी दी। इसके अलावा, छात्रों को नशे की लत और साइबर अपराधों से जुड़े मामलों में सहायता के लिए उपलब्ध संसाधनों के बारे में भी बताया गया।
इस शिविर के समापन पर, छात्रों ने अपने अनुभव साझा किए और इस तरह के शिविरों के महत्व को समझा। उन्होंने अपने साथियों और समुदाय के बीच जागरुकता फैलाने का संकल्प लिया। इस तरह के शिविर न केवल युवाओं को जागरुक बनाते हैं, बल्कि उन्हें अपने अधिकारों के प्रति सचेत भी करते हैं और समाज में सकारात्मक परिवर्तन की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हैं।