दो महिलाओं की कर्मठता और ममता से मिला मानसिक विक्षिप्त युवा को नया जीवन

  • इंदु बनी समाज के लिए प्रेरणा , पहले भी कर चुकी है मानसिक विक्षिप्त व्यक्ति की मदद

संदीप बिष्ट
कोटद्वार। कण्व नगरी कोटद्वार के हल्दूखत्ता क्षेत्र में अभी कुछ ही दिन पूर्व दो महिलाओं ने मानसिक रूप से विक्षिप्त युवा की मदद कर मानवता का फर्ज़ निभाया। प्रथम महिला प्रणीता कंडवाल ने जानकारी दी की पर्यावरण संरक्षण के तहत एक माह तक आयोजित होने वाले पर्व के अवसर पर कोटद्वार भाबर के विभिन्न क्षेत्रों में वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा था इसी बीच उनकी नज़र दूर घनी झाड़ियों और घनी घास पर बैठे लगभग 28 वर्ष के युवक पर पड़ी। जब उन्होंने युवक के पास पहुँचने पर जानकारी लेनी चाही तो पता चला की मानसिक रूप से विक्षिप्त है। जिसकी तुरंत सूचना कलालघाटी चौकी प्रभारी दिनेश कुमार को दी गई जिसके बाद पुलिस युवक को अपने साथ चौकी ले गई।पूछे जाने पर कलालघाटी चौकी इंचार्ज सब इंस्पेक्टर दिनेश कुमार ने जानकारी दी की प्रणीता कंडवाल की सूचना पर मानसिक रूप से विक्षिप्त युवक को चौकी लाया गया। युवक की पहचान कराने के लिए आस पास में काम कर रहे नेपाली मजूरों की मदद ली गई परन्तु कुछ भी स्पष्ट नहीं हो पाया। कहा की इसी बीच युवक की जानकारी के संबंध में समाजसेवी इंदु नौटियाल फ़ोन आया और पूरा विवरण सुनने के बाद तुरंत चौकी पहुँच गई। इंदु ने भी काफ़ी प्रयास किये परंतु नतीजा कुछ भी नहीं निकला तत्पश्चात अपने हाथों से मानसिक रूप से विक्षिप्त युवक को नहलाकर अपने पुत्र तथा पति के कपड़े पहनाये। युवक को भोजन कराने के बाद सबकी सहमति लेकर विक्षिप्त एवं दिव्यांगों के लिए कार्य कर रही नजीबाबाद की संस्था प्रेमधाम आश्रम के प्रबंधक फादर साजू से दूरभाष पर अनुमित मांगी।

इंदु ने पुलिस की साहयता से युवक को गाड़ी बुक कर प्रेमधाम आश्रम छोड़ा। प्रेमधाम आश्रम के प्रबंधक फादर शीबू तथा फादर बिनी के प्रति आभार एवं कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा की जब हम पौधों को नहीं मुरझाने देते है तो कैसे किसी इंसान को खासकर मानसिक रूप से पीड़ा ग्रसित किसी विक्षिप्त को सड़कों पर अकेला छोड़ सकते है। इंदु का कहना है की इसप्रकार के इंसानो में उन्हें ईश्वर तथा अपने पुत्र की झलक दिखाई पड़ती है इसलिए वह इनकी मदद के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। तो वहीँ चौकी इंचार्ज सब इंस्पेक्टर दिनेश कुमार ने इंदु नौटियाल के कार्यों की सहराना करते हुए कहा की वह परोपकार के कार्य करने वाली सच्ची महिला है जो जीवों तथा इंसानो में भेद नहीं करती उनके प्रति दया का भाव रखती है। कहा इंसान ही इंसान के काम आता है यदि इस प्रकार की संस्थाएं एवं समाजसेवी निरंतर मानव कल्याण के लिए आगे आकर कार्य करेंगे को पीड़ा में फंसे लोगो का समय पर रेस्क्यू कर जीवन बचाया जा सकता है। कहा की इंदु एवं प्रणीता जैसी महिलाएं आज समाज के लिए प्रेरणा है।

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