कांग्रेस के दो दिग्गज नेता हरीश रावत और हरक सिंह रावत के बीच हरिद्वार लोकसभा सीट को लेकर दावेदारी के बीच बयानों की जुबानी जंग जारी है। जो एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर हरिद्वार सीट को लेकर दावेदारी मजबूत करने की कोशिशों में लगे हुए हैं। दोनों की जुबानी जंग भगवान राम और उनके छोटे भाई भरत तक जा पहुंची है।हरिद्वार लोकसभा सीट को लेकर कांग्रेस के बीच घमासान जारी है। ऐसे में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत जो हरिद्वार लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व भी कर चुके हैं। वह एक बार फिर से हरिद्वार से अपनी दावेदारी को मजबूत करने की कोशिशों में लगे हुए हैं।
वहीं पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत भी हरिद्वार लोकसभा सीट को लेकर दावेदारी जता रहे हैं। लेकिन एक दूसरे की दावेदारी को कमजोर करने के लिए दोनों नेताओं में बयानों का दौर जारी है।हाल ही में पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने एक बयान दिया था। जिसमें वो कहते हुए दिख रहे थे कि जिस तरीके से भगवान राम ने भरत के लिए गद्दी छोड़ी थी। उसी तरीके से हरीश रावत भी उनके लिए हरिद्वार लोकसभा सीट की दावेदारी छोड़ दें। हरक के इस बयान पर हरदा ने अपने अंदाज में हरक सिंह रावत पर तंज कैसा है।हरदा ने कहा कि अगर हरक सिंह रावत खुद को भरत मानते हैं
तो वह उन्हें सतयुग का उदाहरण देते हुए कहना चाहते हैं कि भरत ने कभी भगवान राम की सरकार गिराने के लिए प्लानिंग नहीं की थी। हरदा की इस प्रतिक्रिया पर भी हरक सिंह रावत पलटवार करते हुए नजर आए। हरक ने कहा कि रामायण में भगवान राम ने कभी भरत को इतना परेशान नहीं किया था। जैसा सीएम रहते हुए हरीश रावत ने उन्हें किया।कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के बीच चल रही जुबानी जंग पर भाजपा भी कहा पीछे रहती। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कांग्रेस के घमासान पर चुटकी लेते हुए नजर आए। भट्ट ने कहा कि रामायण के चरितार्थ का चरित्र ना तो हरीश रावत के अंदर है और ना ही हरक सिंह रावत के अंदर। इसलिए हरिद्वार को लेकर कांग्रेसी आपस में ना लड़े क्योंकि हरिद्वार लोकसभा सीट पर भाजपा की ही जीत होने वाली है।