संवाददाता ठाकुर सुरेंद्र पाल सिंह उत्तरकाशी
उत्तरकाशी: भारत मजदूर संगठन ने संन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के सचिव को एक ज्ञापन भेजा है। इसमें उन्होंने ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रक्रिया को सरल बनाने की मांग की है, जिससे दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों के मजदूरों को हो रही परेशानियों का समाधान हो सके। बोर्ड द्वारा मार्ग कंपनी को दिए गए ऑनलाइन प्रक्रिया के ठेके के बावजूद, कंपनी केवल 5% कार्ड ही ऑनलाइन कर पाई है, जिससे मजदूरों को उनका समान प्राप्त नहीं हो पा रहा है। श्रम विभाग में परमानेंट अधिकारी की नियुक्ति न होने के कारण भी मजदूरों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा है। श्रमिकों ने सरकार से आग्रह किया है कि ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रक्रिया को समाप्त कर दिया जाए और श्रमिकों को सामान वितरण की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाए।
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श्रमिकों का कहना है कि ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रक्रियाओं में जटिलता के कारण उन्हें अपने हक का समान प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है। इसके अलावा, श्रम विभाग में स्थायी अधिकारी की अनुपस्थिति ने भी उनकी समस्याओं को बढ़ा दिया है। श्रमिकों ने यह भी बताया कि अस्थायी अधिकारी अक्सर अपने कार्यकाल के बाद ट्रांसफर करा लेते हैं, जिससे उनके मुद्दे अनसुलझे रह जाते थे।
श्रमिकों की इन मांगों को देखते हुए, भारत मजदूर संगठन ने सरकार और संबंधित विभागों से तत्काल कार्रवाई की अपील की है। उनका मानना है कि इन समस्याओं का समाधान होने से न केवल श्रमिकों की जीवन स्थितियों में सुधार होगा, बल्कि वे अपने कार्यों में अधिक सक्षम और उत्पादक भी होंगे।
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इस संदर्भ में, भारत मजदूर संगठन के अध्यक्ष बृजपाल सिंह का कहना है कि
ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रक्रियाओं को सरल बनाया जाए।
श्रमिकों को उनका समान तुरंत वितरित किया जाए।
भारत मजदूर संगठन द्वारा उठाए गए मुद्दों पर सरकारी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा में, श्रमिक समुदाय अपने अधिकारों के लिए सक्रिय रूप से प्रयासरत है। उनकी एकजुटता और संगठित प्रयास उन्हें अपनी आवाज़ को मजबूती से उठाने में सहायता कर रहे हैं। श्रमिकों की इस लड़ाई में, सामाजिक संगठनों और नागरिक समाज का समर्थन भी महत्वपूर्ण हो सकता है।
इस उपलक्ष पर राष्ट्रीय हिंदू संघ के प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर सुरेंद्र पाल सिंह का कहना है कि यह आवश्यक है कि श्रमिकों की मांगों को समझा जाए और उन पर विचार किया जाए। एक समाधान-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाने से न केवल श्रमिकों की समस्याओं का समाधान होगा, बल्कि यह एक स्थायी और समृद्ध श्रम बाजार की नींव भी रखेगा। श्रमिकों की बेहतरी के लिए उनकी मांगों का समर्थन करना और उन्हें पूरा करना समाज के हर वर्ग के हित में है। इस प्रकार, श्रमिकों की आवाज़ को सुनना और उनके साथ खड़ा होना हम सभी की जिम्मेदारी है।