संवाददाता सुरेंद्र पाल सिंह (उत्तरकाशी)
उत्तरकाशी। क्षेत्र पंचायत सदस्य दीपक नौटियाल गजणा पट्टी ने महाशिवरात्रि पर्व पर सभी शिव भक्तों को उत्तरकाशी जनपद के गाजणा पट्टी के दिखोली गांव में स्थित प्राचीन तामेश्वरनाग महादेव मंदिर में आने का न्योता दिया है। यह मंदिर भगवान शिव के अनेक चमत्कारों का साक्षी है और यहां की शिवलिंग हर साल बढ़ती है। इस मंदिर में शिवरात्रि को कावड़ जलाभिषेक करने का विशेष महत्व है।
शिवरात्रि का महापर्व ११ मार्च को है और सभी शिव भक्तों को इस पर्व की बेसब्री से इंतजार है। इस रात्रि को रात्रि जागरण, भजन कीर्तन, चार प्रहर की पूजा अर्चना और कावड़ जलाभिषेक, दान आदि का विशेष महत्व माना गया है। और कई लोग अलग अलग दिव्य और भव्य शिव मंदिर में जाकर शिवरात्रि मानाते हैं।
उन सभी शिव भक्तों के लिए भगवान तामेश्वरनाग महादेव जी के दर्शन के लिए एक बार इस दिव्य मन्दिर परिसर में अवश्य पधारें, जो उत्तरकाशी जनपद के गाजणा पट्टी के दिखोली गांव में स्थित है। माना जाता है कि भगवान शिव इस स्थान पर एक विशालकाय बांज वृक्ष के छांव में योग, ध्यान मुद्रा में लीन हैं। इस मंदिर में शिवरात्रि को कावड़ जलाभिषेक करने का विशेष महत्व माना जाता है और हजारों लोग दूर दूर से इस पावन पर्व पर यहां जलाभिषेक करने को आते हैं।
भगवान के इस मंदिर में शिवरात्रि को सैकड़ों लोग उत्तरकाशी के गंगा मंदिर (मणिकर्णिका घाट) में गंगा जी में डुबकी लगाकर के पवित्र गंगाजल (तांबे के बर्तन में) लेकर पैदल नंगे पांव कावड़ यात्रा ॐ नमः शिवाय का जाप, जयकारों के साथ अगली सुबह भगवान तामेश्वर महादेव जी को जलाभिषेक करते हैं।
इस दिन मंदिर में आसपास गांव के लोगों द्वारा पूजा अर्चना, भजन कीर्तन, जागरण, भोग प्रसाद आदि कार्यों में अपना योगदान देकर इस महापर्व को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं।
यह भी पढ़े:uttarkashi news उत्तरकाशी में आईएफएडी टीम ने ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना का अवलोकन किया
क्षेत्र पंचायत सदस्य दीपक नौटियाल का कहना है कि उत्तरकाशी से पैदल कावड़ यात्रा करने वाले भक्तों के लिए मुख्य निर्देश एवं निवेदन हैं कि वे यात्रा मार्ग गंगा मंदिर, बोंगा गांव, संकूर्णाधार होते हुए चौरंगीखाल दिखोली गांव का पालन करें। गंगाजल लाने हेतु तांबे के ही बर्तन का प्रयोग करें और भैंस के दूध का प्रयोग वा चमड़ा युक्त किसी भी वस्तु का प्रयोग न करें। वे अपने पास टार्च, पानी की बॉटल, फल और गर्म कपड़े जरूर रखें।
महाशिवरात्रि के इस पावन पर्व के अवसर पर क्षेत्र पंचायत सदस्य दीपक नौटियाल ने कहा है कि प्राचीन शिव मंदिर में सभी शिव भक्तों का हार्दिक स्वागत है।
भगवान तामेश्वर महादेव जी को भगवान शिव का अवतार माना जाता है।
इस मंदिर में गर्भ गृह है, जिसमें रावल के अलावा किसी भी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित है जहां पर शिव लिंग स्थापित है मन्दिर विशालकाय बांज वृक्ष की छांव में सुंदर आवरण लिए स्थित है।
इस मंदिर के आसपास का प्राकृतिक दृश्य बहुत ही सुंदर और शांत है। यहां पर आपको हरे-भरे पहाड़, झरने, नदियां, फूलों के बगीचे और वन्य जीवों का दर्शन होगा। यहां पर आपको शांति और आनंद का अनुभव होगा।