
संवाददाता सुरेंद्र पाल सिंह (उत्तरकाशी)
उत्तरकाशी, 2 मार्च 2024 अंतर्राष्ट्रीय कृषि विकास निधि (IFAD) के सदस्यों ने ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना (REAP)/उत्तराखंड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत किये जा रहे कार्यों का अवलोकन किया। टीम ने विकास खंड चिन्यालीसौड़ के अनोल, भाड़कोट ग्राम में भ्रमण किया और वहां के ग्रामीण महिलाओं के द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न उद्यमों को देखा।
टीम के नेतृत्व में अयुर सीनियर वैल्यू चैन एवं मार्केटिंग एक्सपर्ट थीं, जिन्होंने विजेंद्री देवी से उनके एकीकृत फार्मिंग मॉडल के बारे में जानकारी ली। उन्होंने बताया कि वह अपनी जमीन में अनाज, सब्जियां, फल, मसाले, फूल, तथा मधुमक्खी पालन और पशु पालन जैसी विविध गतिविधियों को शामिल किया है। इससे उनकी आय में वृद्धि हुई है और उन्हें अपने परिवार को पूर्ण पोषण देने में मदद मिली है। टीम ने उनके इस प्रयास की सराहना की और कहा कि इस प्रकार के छोटे उद्यम ग्रामीण क्षेत्र की आजीविका बढ़ाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
टीम ने फिर मगला देवी के स्ट्रॉबेरी खेत का दौरा किया, जहां उन्होंने उनसे उनकी उन्नत खेती के बारे में पूछा। मगला देवी ने बताया कि उन्होंने पिछले वर्ष 2.5 लाख रुपये की आय स्ट्रॉबेरी से कमाई है, जिससे वह आत्मनिर्भर बनी हैं और अन्य महिलाओं के लिए उदाहरण पेश कर रही हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें REAP/उत्तराखंड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से स्ट्रॉबेरी की बीज, खाद, जल संचय, बाजार उपलब्धता और गुणवत्ता प्रमाणन जैसी सुविधाएं मिली हैं। टीम ने उनकी इस सफलता को बधाई दी और कहा कि उन्होंने ग्रामीण महिलाओं के लिए एक नया रास्ता खोला है।
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टीम ने अंत में CLF के द्वारा संचालित डेयरी, मसाला यूनिट और वाशिंग पाउडर यूनिट का अवलोकन किया, जिसमें CLF स्तर पर किए जा रहे दस्तावेज़ीकरण की जांच की गई। टीम ने पाया कि महिलाओं द्वारा इस प्रकार का दस्तावेज़ीकरण दिखाता है कि महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं और अपने उत्पादों को बेहतर तरीके से प्रबंधित कर रही हैं। टीम ने उनके इस प्रयास को प्रशंसा की और कहा कि यह एक उदाहरण है कि कैसे ग्रामीण महिलाओं को अपने उत्पादों को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए उचित सहायता और प्रशिक्षण मिल सकता है।
भ्रमण के दौरान, टीम ने 27 लखपति दीदी से वार्ता की गई, जिसमें लखपति दीदी द्वारा बताया गया कि मुख्य विकास अधिकारी द्वारा महिला समूह को अन्य विभागीय योजनाओं में प्राथमिकता दिए जाने से वह आय संवर्धन गतिविधियों से जुड़ कर आय प्राप्त कर रही हैं, जिसमें मुख्य रूप से मुर्गी पालन, डेयरी, हस्त करघा उद्योग आदि से आय प्राप्त कर रही हैं। टीम ने उनके इस प्रयास को प्रशंसा की और कहा कि यह एक उदाहरण है कि कैसे ग्रामीण महिलाओं को अपने आजीविका को सुदृढ़ बनाने के लिए उचित समर्थन और मार्गदर्शन मिल सकता है।
टीम ने अंत में CCL के उपयोग के बारे में जानकारी ली, जिसमें डीपीएम द्वारा बताया गया कि यहां पर सभी समूह द्वारा CCL का उपयोग बेहतर तरीके से किया जा रहा है, और इससे महिलाओं को अपने उद्यमों को विस्तारित करने और नए अवसरों को ग्रहण करने में मदद मिल रही है। टीम ने उनके इस प्रयास को प्रशंसा की और कहा कि यह एक उदाहरण है कि कैसे ग्रामीण महिलाओं को अपने उद्यमों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उचित ऋण उपलब्धता और प्रबंधन मिल सकता है।
टीम ने अंत में समूह स्तर पर स्थापित उद्यमों का निरीक्षण किया, जिसमें उन्होंने देखा कि महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे उद्यमों में गुणवत्ता, प्रौद्योगिकी, बाजार उपयोगिता और सामाजिक लाभ जैसे तत्व शामिल हैं। टीम ने उनके इस प्रयास को प्रशंसा की और कहा कि यह एक उदाहरण है कि कैसे ग्रामीण महिलाओं को अपने उत्पादों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए उचित प्रशिक्षण, सहायता और प्रोत्साहन मिल सकता है।
आईएफएडी टीम के साथ परियोजना मुख्यालय से कार्यक्रम प्रबंधक विनय गुणवंत, संजय सक्सेना, जिला विकास अधिकारी रमेश चंद्र, जिला परियोजना प्रबंधक कपिल उपाध्याय, सहायक प्रबंधक जगमोहन सिंह, अर्जुन सिंह बागड़ी, जगबीर सिंह बिष्ट, सुरेंद्र प्रसाद, कमल नौटियाल, रजनीश और ब्लॉक मिशन प्रबंधक सोनिया ने प्रतिभाग किया। टीम ने ग्रामीण महिलाओं के द्वारा चलाए जा रहे उद्यमों को देखकर उन्हें बधाई दी और उन्हें आगे की सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं।