
संवाददाता सुरेंद्र पाल सिंह (उत्तरकाशी)
उत्तरकाशी जगद्गुरु रामभद्राचार्य, जो एक प्रसिद्ध हिंदू धर्मगुरु, शिक्षक, संस्कृत विद्वान, बहुभाषाविद, लेखक और गायक हैं, का हार्ट वॉल्व रिप्लेसमेंट सफलतापूर्वक हो गया है। उन्हें दिल की बीमारी के कारण दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी सर्जरी का निर्णय लिया गया।
एम्स के डॉक्टरों ने बताया कि रामभद्राचार्य के हार्ट के वॉल्व में कुछ समस्या थी, जिसके कारण उन्हें सांस लेने में तकलीफ होती थी। इसलिए उन्हें वॉल्व रिप्लेसमेंट की जरूरत थी, जो कि एक जटिल और लंबा सर्जरी है। डॉक्टरों ने कहा कि रामभद्राचार्य की सर्जरी कार्डियोलॉजी विभाग के डॉ. अंबुज राय और कार्डियोथोरेसिक सर्जरी के डॉ. शिव चौधरी के नेतृत्व में हुई, जो कि लगभग चार घंटे चली।
डॉक्टरों ने यह भी बताया कि रामभद्राचार्य की सर्जरी सफल रही और उनका वॉल्व रिप्लेस हो गया है। वे अब पूरी तरह से ठीक हैं और उनकी हालत स्थिर है। वे जल्द ही डिस्चार्ज होंगे और अपने घर वापस जा सकेंगे।
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रामभद्राचार्य को भारत सरकार ने 2015 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया था। वे भारत के चार प्रमुख जगद्गुरु में से एक हैं और रामानन्द सम्प्रदाय के वर्तमान जगद्गुरु रामानन्दाचार्य हैं। वे चित्रकूट में स्थित तुलसी पीठ और जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय के संस्थापक और आजीवन कुलाधिपति हैं। वे जन्म से ही नेत्रहीन हैं, लेकिन उन्होंने 22 भाषाओं का ज्ञान हासिल किया है और 100 से अधिक ग्रंथों की रचना की है।