संवाददाता सुरेंद्र पाल सिंह (उत्तरकाशी)
उत्तरकाशी पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी द्वारा आगामी लोकसभा चुनाव के दृष्टिगत पारदर्शी एवं शान्तिपूर्ण चुनाव हेतु अवैध/संदिग्ध गतिविधियों पर सतर्क दृष्टि रखते हुये मुस्तैदी के साथ चैकिंग करने हेतु सभी कोतवाली/थाना प्रभारियों, एसओजी एवं एनटीएफ की टीम को जरुरी दिशा-निर्देश दिये गये है। पुलिस उपाधीक्षक बडकोट, सुरेन्द्र सिंह भण्डारी के निकट पर्यवेक्षण तथा SO पुरोला एवं प्रभारी SOG उत्तरकाशी की देखरेख में एसओजी यमुनावैली व पुरोला पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा सटीक जानकारी जुटाते हुये बीते रात्रि में प्रतिबंधित कांजल-काठ की लकड़ी की तस्करी करते 4 तस्करों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस व एसओजी की टीम द्वारा रात्रि में थाना पुरोला क्षेत्र मे कुमोला रोड़, नागराजा मन्दिर के पास छापेमारी कर डम्मर सिंह, प्रदीप, करन व ललित औली नामक 04 लोगों को वाहन संख्या UK07FB-8514 (WagonR) से कांजल-काठ की लकड़ी की तस्करी करते हुये गिरफ्तार किया गया जिनके कब्जे से 25 नग लकड़ी व औजार बरामद की गयी।
तस्कर लकड़ी को गुन्दियाट गांव के जंगलों से काटकर ला रहे थे, जिसको वह विकासनगर व हिमांचल प्रदेश क्षेत्र मे बेचने की फिराक मे थे। पुलिस द्वारा तस्करों व लकड़ी को अग्रिम विधिक कार्यवाही हेतु वन विभाग के सुपुर्द कर दिया गया है।
गिरफ्तार अभियुक्त-
डम्मर सिंह पुत्र स्व0 गोपाल सिंह निवासी अशोक आश्रम बाडवाला थाना विकासनगर देहरादून,
प्रदीप जीएम पुत्र पदम जीएम निवासी त्यूणी (रामगी) चातरा देहरादून,
करन सिंह पुत्र स्व0 मोहन सिंह निवासी चातरा, मैन्द्रथ थाना त्यणी देहरादून,
ललित ओली पुत्र स्व0 दल बहादुर निवासी अशोक आश्रम बाडवाला विकासनगर देहरादून का रहने वाला है।
पुलिस कार्यकर्ता दबिस टीम में हे0कानि0 बबलू खान- एसओजी, हे0कानि0 अब्बल सिंह- थाना पुरोला, कानि0 अनिल तोमर- एसओजी, कानि0 सुनील जयाडा- एसओजी, कानि0 रणवीर सिंह, थाना पुरोला, कानि0 कैलाश चौहान- थाना पुरोला इत्यादि मौजूद थे
इस मामले में पुलिस अधीक्षक उत्तरकाशी अर्पण यदुवंशी ने विभाग की तारीफ करते हुए कहा कि पुलिस विभाग ने इस मामले में अच्छा काम किया है पूरी टीम बधाई के पात्र हैं।
इस मामले में वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कांजल-काठ की लकड़ी का इस्तेमाल कागज, दवाइयों और इत्र बनाने में किया जाता है. इसकी लकड़ी के कटोरे आदि तैयार किए जाते हैं. जिसे नेपाल और चीन तक पहुंचाया जाता है. जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में काफी डिमांड होती है. इसलिए इसकी तस्करी का धंधा चल रहा है.
वन विभाग ने गिरफ्तार लोगों के खिलाफ वन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है. वन विभाग ने यह भी बताया कि वे इस तरह की तस्करी को रोकने के लिए वह निरंतर चैकिंग और छापेमारी कर रहे हैं. वन विभाग ने लोगों से भी अपील की है कि वे वन संपदा की रक्षा करें और इस तरह की तस्करी को अनुमति न दें. यदि किसी को इस तरह की तस्करी का पता चले तो वे वन विभाग को तुरंत सूचित करें।