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उत्तरकाशी उत्‍तराखण्‍ड न्यूज़

उत्तरकाशी पुलिस और विधिक सेवा प्राधिकरण ने छात्राओं को नशा, साइबर, महिला एवं बाल अपराधों से बचाने के लिए जागरुक किया

संवाददाता सुरेंद्र पाल सिंह (उत्तरकाशी)

 

उत्तरकाशी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं उत्तरकाशी पुलिस ने एक संयुक्त जनजागरुकता शिविर का आयोजन किया, जिसमें छात्र एवं छात्राओं को नशा, साइबर, महिला, बाल अपराधों एवं अधिकारों के बारे में जानकारी दी गई। इस शिविर का उद्देश्य आमजन को इन मुद्दों के प्रति सचेत एवं सजग बनाना था।

 

इस शिविर का आयोजन श्रीमान पुलिस अधीक्षक महोदय उत्तरकाशी के दिशा–निर्देशन में किया गया। उन्होंने बताया कि नशा, साइबर, महिला, बाल अपराध आदि आज के समय में बढ़ती हुई सामाजिक कुरीतियां हैं, जिनसे बचने के लिए आवश्यक है कि लोगों को इनके दुष्प्रभाव, कारण, निवारण एवं कानूनी प्रावधानों का पूरा ज्ञान हो।

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शिविर में हरि सिंह रावत राजकीय इंटर कॉलेज गंगोरी के छात्र एवं छात्राओं ने भाग लिया। उन्हें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं उत्तरकाशी पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा विभिन्न विषयों पर प्रशिक्षण एवं प्रदर्शन दिए गए।

 

शिविर में म0उ0नि0 गीता एवं म0हे0कानि0 माया गुसांई ने छात्राओं को नशे के दुष्प्रचलन, साइबर अपराधों से बचने के तरीके, महिला एवं बाल अपराधों के साथ-साथ बाल भिक्षावृत्ति एवं यातायात नियमों की विस्तृत जानकारी देकर जागरुक किया।

 

उन्होंने छात्राओं को बताया कि नशा एक ऐसी लत है, जो व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक एवं सामाजिक रूप से नष्ट कर देती है। नशे के कारण व्यक्ति का स्वास्थ्य बिगड़ता है, उसका विश्वास खोता है, उसके परिवार एवं समाज से दूरी बढ़ती है और उसका जीवन बर्बाद हो जाता है। इसलिए नशे से दूर रहना एवं नशे के शिकार लोगों को सहायता देना चाहिए।

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उन्होंने छात्राओं को साइबर अपराधों के बारे में भी जागरुक किया। उन्होंने बताया कि साइबर अपराध वे अपराध हैं, जो इंटरनेट, कंप्यूटर, मोबाइल आदि के माध्यम से किए जाते हैं। इन अपराधों में हैकिंग, फिशिंग, स्पैमिंग, साइबर बुलिंग, साइबर स्टॉकिंग, ऑनलाइन ठगी, डेटा चोरी, आदि शामिल हैं।

 

इन अपराधों से बचने के लिए उन्होंने छात्राओं को कुछ सुझाव दिए, जैसे कि अपने डिवाइस को पासवर्ड से सुरक्षित रखना, अनजान लिंक या अटैचमेंट को न खोलना, अपनी निजी जानकारी या फोटो किसी को न भेजना, अपने ऑनलाइन गतिविधियों को नियंत्रित रखना, आदि। उन्होंने छात्राओं को बताया कि अगर वे किसी साइबर अपराध का शिकार बनते हैं, तो वे तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर सूचना दें।

 

म0उ0नि0 गीता ने छात्राओं को महिला एवं बाल अपराधों एवं अधिकारों के बारे में भी जागरुक किया। उन्होंने बताया कि महिला एवं बाल अपराध वे अपराध हैं, जो महिलाओं और बच्चों के शारीरिक, मानसिक, यौन, आर्थिक और सामाजिक अधिकारों का हनन करते हैं। इन अपराधों में बाल श्रम, बाल विवाह, बाल यौन शोषण, महिला अशिष्ठ रूप प्रतिषेध, दहेज उत्पीड़न, घरेलू हिंसा, बलात्कार, अपहरण, हत्या, आदि शामिल हैं। इन अपराधों को रोकने और नियंत्रण करने के लिए भारतीय संविधान और विधानों ने महिलाओं और बच्चों को कई संवैधानिक और विधिक अधिकार प्रदान किए हैं।

 

उन्होंने छात्राओं को बताया कि अगर वे किसी महिला एवं बाल अपराध का शिकार या साक्षी बनते हैं, तो वे तुरंत महिला एवं बाल अपराध निवारण आयोग, महिला हेल्पलाइन नंबर 9411112780, और किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में 112, को सूचित करें। उन्होंने छात्राओं को प्रोत्साहित किया कि वे अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाएं और अपनी सुरक्षा और स्वावलंबन के लिए जिम्मेदार बनें।

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