संवाददाता ठाकुर सुरेंद्र पाल सिंह (उत्तरकाशी)
उत्तरकाशी: नवरात्रि के पावन पर्व के अवसर पर, मणिकर्णिका घाट में विभिन्न धार्मिक संगठनों के लोगों ने गायत्री यज्ञ, कन्या पूजन और गंगा आरती में भाग लिया। इस अवसर पर पवित्र लीला बाल वाटिका प्रबंधक अजय प्रकाश बडोला, का कहना है कि नवरात्रि के पावन पर्व के अवसर पर हम सभी ने मणिकर्णिका घाट पर एक धार्मिक समारोह का आयोजन किया। जिसमे विभिन्न धार्मिक संगठनों के लोगों ने भाग लिया और गायत्री यज्ञ, कन्या पूजन और गंगा आरती में सभी लोग शामिल हुए।
हम सभी ने गंगा तट की सफाई के लिए पहले ही एक अभियान चलाया था। इसके बाद, हमने गायत्री यज्ञ, कन्या पूजन और गंगा आरती का आयोजन किया, जिसमें विश्व शांति के लिए प्रार्थना की गई।
रामनवमी के अवसर पर, सभी ने मकरन घाट पर विशेष गंगा आरती और गायत्री दीपदान का आयोजन किया। जिसमे उमा गंगा का तट स्वच्छ और निर्मल रखने के लिए सभी लोगों ने संकल्प लिया।
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उन्होंने कहा है कि हम आगे भी इसी प्रकार के धार्मिक आयोजन करते रहेंगे और गंगा तट की सफाई के लिए काम करते रहेंगे। हमें आप सभी की सहयोग की आवश्यकता है।
इस अवसर पर, संस्कृत महाविद्यालय के आचार्य, विश्व हिंदू परिषद, जिला व्यापार मंडल, गायत्री परिवार के लोगों ने भी भाग लिया। छोटे बच्चों को शिक्षक सामग्री वितरण भी करी गई।
इस धार्मिक समारोह में लोगों की भागीदारी ने इसे और भी विशेष बना दिया। गंगा तट की सफाई और निर्मलता के प्रति सभी की समर्पणभावना ने इसे एक अद्वितीय अनुभव बना दिया। छोटे बच्चों को शिक्षा सामग्री का वितरण करने का कार्य भी सराहनीय था।
समिति के पदाधिकारीयो का कहना है कि इस तरह के धार्मिक आयोजन समाज में सकारात्मक ऊर्जा फैलाते हैं और लोगों को एकजुट करते हैं। यह न केवल हमारी संस्कृति और परंपराओं को मनाने का एक अवसर होता है, बल्कि यह हमें पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण के महत्व को समझाने का भी काम करता है, और यह भी सीख मिलती है कि हमें अपने धार्मिक स्थलों को स्वच्छ और निर्मल रखने के लिए संकल्प लेना चाहिए। हम सभी को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हमारा धर्म हमें स्वच्छता, शांति, और प्रेम की ओर ले जाता है।