संदीप बिष्ट
रिखणीखाल। पहाड़ी क्षेत्र में बाघ और गुलदार द्वारा इंसानो पर हो रहे हमले से ग्रामीण देहशत के साये में जीने को मजबूर है। पिछले कई दिनों रिखणीखाल के गाड़ियों पुल व इससे लगे क्षेत्रों में बाघ के दिखाई देने और इंसानों पर हमला करने से क्षेत्र के लोग डर के साये में जीने को मजबूर है।
गुरुवार सुबह 7 : 30 बजे रिखणीखाल ब्लॉक के गाड़ियों पुल से करीब 1 किलोमीटर आगे ग्रामसभा तोल्यूंडांडा के तोक ग्राम सिरोगाड में बुजुर्ग मनवर सिंह रावत पुत्र स्व खुशाल सिंह अपने घर से निकलकर दूसरे घर की तरफ जा रहे थे तभी बाघ ने अचानक से हमला कर दिया । बुजुर्ग ने जैसे ही पीछे देखा तो अपने आपको बाघ से जकड़ा पाया। मनवर सिंह ने हिमत नहीं हारी और अदम्य साहस का परिचय देते हुए हाथ में पकड़ी हुए कुदाल से बाघ पर प्रहार किया। फिर दोनों के बीच काफी काफी देर तक संघर्ष चलता रह और 3 मिनट के बाद ग्रामीणों का शोर सुनकर बाघ भाग खड़ा हुआ। पहाड़ की वाणी संवदाता को बुजुर्ग मनवर सिंह ने बताया की बाघ के साथ काफी देर तक संघर्ष चलता रहा और बाघ ने उनपर 5 बार हमला किया जबकि दूसरा बाघ उधर ही घूम रहा था । कहा की उनकी समझ में कुछ नहीं आया हाथ पर पकड़ी कुदाल और पत्थर से बार -बार बाघ पर प्रहार करते रहे और धीरे धीरे पीछे गांव की ओर बढ़ते रहे। शोर सुनकर उनका भतीजा धीरज सिंह भी ग्रामीणों को लेकर मौके पर पहुंचा। ग्रामीणों की भीड़ और शोर से बाघ झाड़ियों में भाग खड़ा हुआ।
घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम डॉक्टर को लेकर मौके पर पंहुची और बुजुर्ग का प्राथमिक उपचार किया। वहीँ ग्रामीणों ने बाघ की मूवमेंट पर नजर रखने के लिए कैमरा ट्रैप लगाने , वनकर्मियों की गश्त बढ़ाने और पीड़ित को मुवावजा देने की मांग उठाई।
सिंथेटिक ट्रैक अब बन गया है स्मार्ट ट्रैकः रेखा आर्या
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