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उत्‍तराखण्‍ड

सुल्तानपुर लोग देखते रहे और नवजात के शव को निवाला बनाता रहा कुत्ता

सुल्तानपुर। ममता को शर्मसार और दिल को विचलित करने वाला दृश्य सामने आया है। सिविल लाइन जैसे टप्च् इलाके में बने पर्यावरण पॉर्क में कुत्ता नवजात शिशु को निवाला बना रहा है। पॉर्क में सैकड़ों लोगों का आवागमन है लेकिन किसी ने उसे बेजान इंसान के मृत दुधमुंहे को जानवर की दरिंदगी से बचाकर उसे मिट्टी में दबाना मुनासिब नहीं समझा।

सुल्तानपुर  दरअस्ल कोतवाली नगर के सिविल लाइन क्षेत्र में गोमती नदी के किनारे पर पर्यावरण पॉर्क बना हुआ है। नगर पालिका परिषद सुल्तानपुर यहां साफ सफाई से लेकर बिजली आदि की व्यवस्था मिली हुई है।

हाल ही में निकाय चुनाव में जीतने के बाद और चुनाव से पहले भाजपा चेयरमैन प्रवीण अग्रवाल यहां पहुंचे थे। उन्होंने बड़े-बड़े दावे किए थे। उन दावों की पोल तो इस दृश्य ने खोलकर रख दिया है जिसमें एक कुत्ता नवजात शिशु को दरिंदगी के साथ नोच रहा है। यही नहीं कुत्ता नवजात के शव को दांतों से पकड़कर इधर-उधर घूमता रहा। वीडियो देखने के बाद रूह तो कांप उठी।

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सुल्तानपुर     लेकिन पर्यावरण पॉर्क में मौजूद लोगों ने ये दृश्य देखा और उन पर कोई असर नहीं हुआ। तभी तो किसी ने उस बेजुबान के शव को ठिकाने लगाने की जुगत भी नहीं देखा। वही काफी अहम सवाल ये है कि आखिर कुत्ता जिस नवजात को अपना निवाला बनाए हुए था उसे वो उठाकर कहां से लाया? ये किसी हॉस्पिटल में किए गए गर्भपात का हिस्सा है या फिर किसी कलयुग की मां का कुकर्म है। जिसने कोख से जन्मे को कूड़े की ढेर में फेंका और चलती बनी। हालांकि अब वीडियो सामने आने के बाद कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है।

प्रो. आद्या प्रसाद इण्डियन इकोनॉमिक एसोसिएशन के अध्यक्ष निर्वाचित

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भूस्खलन से आवासीय भवन को खतरा, प्रशासन से लगाई गुहार पौड़ी। लोनिवि के अफसरों की लापरवाही और जिद के चलते एक आवासीय भवन खतरे की जद में आ गया है। बारिश से सड़क के ऊपर वाले हिस्से से भूस्खलन होने के बाद भवन में दरारें पड़ गई हैं। वहीं भवन स्वामी ने जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है। कहा कि मोटर मार्ग कटिंग के दौरान ही उन्होंने यहां पर पुश्ता लगाने की मांग उठाई थी। लेकिन विभाग ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। पाबौ ब्लाक के अंतर्गत बालीकंडारस्यूं के पोखरी गांव निवासी कादंबरी देवी पत्नी स्व. मायाराम भट्ट ने जिला प्रशासन से उनके पैतृक घर को बचाने की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा कि ढुमका- पोखरी मोटर मार्ग पर उनका आवासीय भवन है। बारिश के चलते भवन के आंगन का सारा हिस्सा टूट गया है। जिससे भवन भी खतरे की जद में आ गया है। कहा कि कई बार लोनिवि को सूचित करने के बाद भी उनकी समस्या को गंभीरता से नहीं लिया गया। जिसके चलते अब भवन ध्वस्त होने की कगार पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि उनके पास एक मात्र ही रहने का ठिकाना है। यदि यह भवन भी भूस्खलन की चपेट में आ गया तो वे कहां जाएंगे। उन्होंने जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है।