नजीबाबाद। नगर में श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ विधि विधान से पूजा अर्चना के साथ हुआ। कथा से पूर्व एक कलश यात्रा निकाली गई। श्रीमद्भागवत कथा के पहले दिन कथावाचक अमरीश दास जी महाराज ने उपस्थित श्रद्धालुओं को सर्वप्रथम कलश यात्रा क्यों निकाली जाती है
तथा उसके बाद श्रीमद् भागवत कथा की महिमा से अवगत कराया। कथा वाचक ने बताया कि कलश रिद्धि-सिद्धि का प्रतीक है। इसका हिदू धर्म में विशेष महत्व है। कहा कि कलश हमारे जीवन के हर क्षण में काम आता है। जन्म के समय भी कलश स्थापना की जाती है और मरने के समय भी शरीर के साथ कलश विसर्जित किया जाता है। बताया कि कलश पर नारियल रखा जाता है, जो इस बात की शिक्षा देता है कि परिवार के मुखिया को ऊपर से कठोर और अंदर से नर्म होना चाहिए। इससे जीवन की गाड़ी बेहतर चलती है। कलश के ऊपर रखी जाने वाली माला संदेश देती है कि जिस तरह फूल महकता है। उसी प्रकार मनुष्य का जीवन भी दूसरों को सुगंध देने वाला होना चाहिए।
उन्होंने बताया कि श्रीमद्भागवत कथा मनुष्य की सभी इच्छाओं को पूरा करती है। यह कल्पवृक्ष के समान है। भागवत कथा ही साक्षात कृष्ण है और जो कृष्ण है, वही साक्षात भागवत है। भागवत कथा भक्ति का मार्ग प्रशस्त करती है। कार्यक्रम में मोहनलाल अग्रवाल, राजन माहेश्वरी, निश्चल माहेश्वरी, मधु माहेश्वरी, दीपा कश्यप, चरणदास आदि श्रद्धालु उपस्थित रहे