संदीप बिष्ट
देहरादून। ऋतु खण्डूडी भूषण ने हिमालय दिवस की पूर्व संध्या पर देहरादून स्थित आई.आर.डी.टी सभागार में उत्तरांचल उत्थान परिषद् द्वारा आयोजित “हिमालय एक चिंतन व समाधान” विचार गोष्ठी कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। हिमालय क्षेत्र के पर्यावरणीय, सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर गहन चर्चा और समाधान के उपायों पर ध्यान केंद्रित करने के उद्देश्य से कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सभा में विभिन्न विशेषज्ञों, पर्यावरणविदों और समाजसेवियों ने अपने विचार प्रस्तुत किए और हिमालय क्षेत्र की सुरक्षा तथा विकास के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया। ऋतु खण्डूडी भूषण ने कहा कि “हिमालय केवल उत्तराखंड ही नहीं, बल्कि संपूर्ण देश और विश्व के लिए एक महत्वपूर्ण पारिस्थितिक तंत्र है। हिमालय की समृद्धि और सुरक्षा का सीधा संबंध पर्यावरण से लेकर हमारी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत से भी है। यह पर्वत श्रृंखला हमें जीवनदायिनी जल, स्वच्छ वायु और प्राकृतिक संसाधनों की आपूर्ति करती है, इसलिए इसके संरक्षण के प्रति हमारी जिम्मेदारी बढ़ जाती है। हिमालय क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन, वनस्पति क्षति, और पारिस्थितिकी असंतुलन के प्रभावों पर चिंता व्यक्त करते हुए ऋतु खंडूड़ी भूषण ने कहा की पर्यावरणीय शिक्षा और जन जागरूकता के महत्व पर जोर देने की आवश्यकता है। इसलिए सभी लोगों को मिलकर इस क्षेत्र के विकास और संरक्षण के लिए कार्य करना होगा।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि पूर्व पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी, ने हिमालय का धार्मिक साहित्य व कालिदास के कुमार सम्भव में वर्णन का उल्लेख किया। विषय विषेयज्ञों मे डा०मोहन पंवार विभागाध्यक्ष भूगोल विभाग हे०न०ब०विश्वविधालय श्रीनगर ने ,हिमालय की नवीन पर्वत श्रृंखला पर शौध अनुसंधान करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
दून विश्वविद्यालय की कुलपती सुरेखा डंगवाल ने कहा कि हिमालय को समझने के लिए हमें सामान्य ग्रामीण महिलाओं से सिखने की आवश्कता है । कर्नल अजय कोठियाल ने कहा कि आपदा के समय स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण देकर आपदा प्रबन्धन के कार्य में लगाया जा सकता है। यूसर्क के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा०भावतेश शर्मा ने अपने विचार व्यक्त करते हूए कहा कि पर्यावरण संरक्षण से ही हिमालय को सुरक्षित रखा जा सकता है।
वहीं परिषद् के महामंत्री राजेश थपलियाल ने उत्तराँचल उत्थान परिषद के कार्यों का उल्लेख किया। कार्यक्रम में अन्य वक्ताओं ने भी हिमालय की सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव, सतत विकास के तरीकों पर अपने विचार साझा किए। हिमालय दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम ने हिमालय की समृद्धि, सुरक्षा और संरक्षण के लिए आवश्यक कदम उठाने की दिशा में एक नई सोच को जन्म दिया। कार्यक्रम का संचालन यशोदानन्द कोठियाल व राजेश थपलियाल ने किया ।
इस अवसर पर प्रेम बडा़कोटी, विभाग प्रचारक धनजय, नीरज मित्तल , आनन्द सिंह रावत, नरेश कुलाश्री, डी.एन.उनियाल ,विपुल जोशी, दयानन्द चन्दोला,सुरेन्द्र मित्तल, अभिषेक बोड़ाई,ऊषा रावत, राकेश सिंह ,मदन सिंह नेगी, प्रवीण मंमगाई, प्रकाश कुंमाई आदि उपस्थित रहे।
Leave a Reply