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kotdwar चकबंदी दिवस के रूप में मनाया गया ‘गरीब’ का जन्मदिवस

     ग्रामीण पत्रकार       जगमोहन डांगी

◆ चकबंदी दो और वोट लो : गणेश सिंह गरीब

 

कोटद्वार/ कल्जीखाल। चकबंदी के प्रणेता गणेश सिंह ‘गरीब’ का जन्मदिन चकबंदी दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर सरकार से पहाड़ो चकबंदी की मांग उठाते हुए कहा कि चकबंदी ही पहाड़ों के बंजर खेतों को संजीवनी देने का काम करेगी।
कल्जीखाल विकास खंड के राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ भवन में चकबंदी के प्रणेता गणेश सिंह ‘गरीब’ का 88वां जन्मदिवस चकबंदी दिवस के रूप में मनाया गया। आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ कल्जीखाल ब्लॉक के कनिष्ठ प्रमुख अर्जुन सिंह पटवाल एवं पूर्व प्रधानाचार्य व कल्जीखाल विकास खंड के प्रमुख समाजसेवी राजेंद्र सिंह पटवाल ने किया। इस मौके पर चकबंदी पर एक संगोष्ठी कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें वक्ताओं द्वारा अपने अपने विचार ब्यक्त कर चकबंदी के आंदोलन के प्रणेता गणेश सिंह ‘गरीब’ को बधाई एंव शुभकामनाएं दी गयी

कार्यक्रम के संयोजक ग्रामीण पत्रकार जगमोहन सिंह डांगी ने गणेश सिंह ‘गरीब’ द्वारा पिछले 44 सालों से चकबंदी के लिए किए गए जन आंदोलन पर पर उनके संघर्ष को संक्षेप में परिचय करवाया। कार्यक्रम में चकबंदी लिए उनके 44 साल के संघर्ष के लिए सरकार द्वारा उन्हें पद्मश्री पुरस्कार देने की मांग की भी उठायी गयी।
अपने संबोधन में गणेश सिंह ‘गरीब’ ने कहा की पर्वतीय क्षेत्रों से लगातार हो रहे पलायन का दुखड़ा तो हर राजनीतिक दल का नेता रोता रहता है लेकिन पलायन के पीछे क्या कारण है इसके कारणो की ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया है। उन्होंने जनता को भी नेताओं से कहना होगा की चकबंदी दो और वोट लो का नारा देकर उन्हें चकबंदी लिए वोट के बल पर दबाव बनाना होगा। उन्होंने दुख ब्यक्त करते हुए कहा कि नेता स्वयं पहाड़ी जनता का वोट लेकर खुद मैदान में बस गए हैं। इसलिए उनका सरोकार केवल वोट तक ही तक सीमित रह गया है।

‘गरीब’ ने कहा कि राज्य गठन के 24 साल के बाद भी उत्तराखंडियों को पहाड़ के सुनियोजित विकास के मूल तो दूर आवरण की अवधारणा तक ढांचा तैयार नहीं नजर कही नही आ रहा है। उन्होंने पहाड़ से निरंतर हो रहे पलायन के लिए सरकारों की नीतियां जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि सरकारों की नीतियों ने हमेशा ही गांव की उपेक्षा की है। गांव का पलायन रोकना एक मात्र विकल्प चकबंदी ही हो सकती है। उन्होंने कहा की चकबंदी ही पहाड़ की बंजर खेती को सजीवनी देने का काम करेगी। ‘गरीब’ ने कहा कि सरकारों का ध्यान सिर्फ गांव तक बिजली, पानी व सड़क पहुंचाने तक की सीमित रहा है।

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इस अवसर कृषि और बागवानी क्षेत्र में उन्नत काश्तकार सुनील पटवाल ग्राम फल्दा को उन्नत कृषक के रूप में सम्मानित किया गया। इसके अलावा उपस्थित लोगो को लोकतंत्र में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने व शत प्रतिशत मतदान करने किए शपथ भी दिलाई गई।
कार्यक्रम का संचालन विक्रम पटवाल ने किया। इस अवसर पर चकबंदी आंदोलन के समर्थक शेखरानंद मंझेड़ा पूर्व कनिष्ठ प्रमुख अनिल कुमार पूर्व सांसद प्रतिनिधि राकेश कुमार प्रधान सचिव जयकृत सिंह पटवाल, प्रधान संगठन कल्जीखाल के सचिव व प्रधान थापला राकेश कुमार रेखा देवी, मंजीता देवी आदि ने भी अपने विचार रखे।

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