कोटद्वार। पूर्व काबीना मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी ने कोटद्वार बचाओ संघर्ष समिति के तत्वाधान में आयोजित बाजार बंद का समर्थन किया है। पूर्व काबीना मंत्री ने कहा कि मैं समाज के प्रबुद्ध एवं जागरूक लोगों द्वारा मजबूरी में लिए गए कठोर निर्णय की मूल भावनाओं का समर्थन करता हूँ। उन्होंने सरकार से पुरजोर मांग करते हुए कहा कि कोटद्वार क्षेत्र की उपेक्षा को शीघ्र बंद कर बंद समर्थक कोटद्वार बचाओ संघर्ष समिति की माँगों सहित पूर्व में स्वीकृत योजनाओं पर शीघ्र निर्माण करवाया जाए।
काबीना मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि सरकार द्वारा कोटद्वार क्षेत्र की भारी उपेक्षा की जा रही है। इसके लिए शासन प्रशासन का ध्यान आकर्षित किए जाने के लिए आयोजित बाजार बंद का निर्णय सरकार को चेताने के लिए जरूरी था। पूर्व काबीना मंत्री ने कहा कि मैं बाजार बंद एवं चक्का जाम के पक्ष में कभी भी नहीं रहा हूं लेकिन कोटद्वार क्षेत्र की उपेक्षा को लेकर समाज के जागरूक लोगों द्वारा यह कठोर निर्णय समाज हित में लिया होगा। उन्होंने कहा कि जब क्षेत्र की उपेक्षा चरम सीमा पर हो तब सामाजिक सरोकारों से जुड़े मनीषियों को जनता के हित में एवं उनके अधिकारों की प्राप्ति के लिए आगे आना पड़ता है। उन्होंने कहा कि कोटद्वार की हो रही दुर्दशा व बर्बादी को देख कर कोई नागरिक कैसे खामोश रह सकता है।
पूर्व काबीना मंत्री नेगी ने बंद समर्थकों की मांगों सहित अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं जैसे कोटद्वार मेडिकल कॉलेज का निर्माण रोका जाना, भरत की जन्मस्थली कण्वाश्रम में भव्य पर्यटक स्थल के निर्माण हेतु पूर्व में स्वीकृत 20 करोड़ की धनराशि पर रोक लगाना, टाइगर सफारी के निर्माण को उलझाए जाने से कोटद्वार, उत्तराखंड के रोजगार के अवसरों को छीन लिया जाना, स्वीकृत केंद्रीय विद्यालय न बनाया जाना, लालढांग -चिल्लरखाल एवं कोटद्वार -कालागढ -रामनगर मोटर मार्ग के निर्माण कराए जाने के बजाय उसे उलझा कर रोका जाना, सरकार की गलत खनन नीति के कारण कोटद्वार में नदियों पर बने पुलों का टूट जाना तथा शेष सभी पुलों के खतरे में आ जाना, सड़कों की बदहाली, सिंचाई नहरों, गूलों की अव्यवस्था व कई परिवारों के बेघर हो जाने पर उन्हें सड़कों पर ला खड़ा कर दिया जाना प्रत्यक्ष रूप से यह दर्शाता है कि कोटद्वार की उपेक्षा ही नहीं बल्कि बदहाल स्थिति में वर्षों पीछे धकेलने का कार्य किया जा रहा है।
पूर्व काबीना मंत्री नेगी ने कोटद्वार बचाओ संघर्ष समिति को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने कोटद्वार को बचाने व शासन प्रशासन को चेताने के लिए यह साहसिक कदम उठाकर एक प्रयास किया है। उन्होंने कोटद्वार के समस्त नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि कोटद्वार की उपेक्षा के खिलाफ आवाज उठाने में एकजुट होकर सहयोग करें।