मातृभाषा हिंदी को सम्मान देना हमारा कर्तव्य है
महाविद्यालय जयहरीखाल में राष्ट्रीय हिंदी दिवस पर संगोष्ठी हुई आयोजित
कोटद्वार। भक्त दर्शन राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय जयहरीखाल में राष्ट्रीय हिंदी दिवस के अवसर पर संगोष्ठी आयोजित की गयी। संगोष्ठी में वक्ताओं ने अपने विचारों से हिंदी राजभाषा के संवैधानिक प्रावधानों को स्पष्ट किया।
गुरुवार को महाविद्यालय के जंतु विज्ञान सभागार में आयोजित संगोष्ठी में प्रभारी प्राचार्य प्रो. शैलेंद्र मधवाल की अध्यक्षता में आयोजित गोष्ठी में हिंदी विभाग प्रभारी उमेश ध्यानी ने 14 सितंबर हिंदी दिवस को भारतीय संघ के राजभाषा निर्धारण दिवस के रूप में स्पष्ट कर राजभाषा के संवैधानिक प्रावधानों को स्पष्ट किया। वनस्पति विज्ञान के प्रभारी डॉ. राकेश कुमार द्विवेदी ने हिंदी में वैज्ञानिक विषय अध्ययन पर प्रकाश डाला। विज्ञान संकाय के छात्र नवनीत रावत ने हिंदी राजभाषा की अवधारणा पर चर्चा करते हुए कहा कि हिंदी हमारी मातृभाषा है जिसे सम्मान देना हमारा कर्त्तव्य है।
संगोष्ठी में शिक्षा संकाय के शिक्षक नवीन लखेड़ा व स्वाति भट्ट, वनस्पति विज्ञान के प्राध्यापक डॉ. दिवाकर बेबनी, रसायन विज्ञान विभाग के डॉ. मोहम्मद शहजाद तथा भूगोल विभाग की प्रभारी डॉ. अर्चना नौटियाल ने हिंदी भाषा के विविध पक्षों पर अपने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि हिंदी के विविध आयाम हैं। हिंदी की बढ़ती लोकप्रियता लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है तथा विश्वस्तर पर भी भारतीयों द्वारा हिंदी को आगे बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।
संगोष्ठी का समापन उपस्थित समस्त प्राध्यापकों व छात्र -छात्राओं द्वारा हिन्दी के अधिकाधिक प्रयोग एवं प्रचार -प्रसार को बढ़ावा देने के साथ हिंदी के विकास में सहभागी होने की शपथ के साथ हुआ।
आयोजित संगोष्ठी में डॉ. संजय मदान, पवनिका चंदोला, डॉ. आर.के. सिंह, डॉ. विनीता, डॉ. कृतिका क्षेत्री, डॉ. शिप्रा, डॉ. वंदना बहुगुणा, डॉ. शुभम काला, डॉ. नेहा शर्मा व डॉ. रेखा यादव सहित महाविद्यालय के अन्य प्राध्यापक उपस्थित रहे।
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