Hollywood Strike ह़ॉलीवुड हड़ताल पर, करों समर्थन!

Hollywood Strike हॉलीवुड हड़ताल पर है। फिल्में बनना बंद है। मतलब बची हुई बरसात और आने वाली सर्दियों में नेटफ्लिक्स और अमेजऩ प्राइम पर मुर्दनी छाई रहेगी। नए शो, नई सीरीज नहीं आएंगे। पहले से ही अच्छी फिल्मों के लिए तरस रहे सिनेमाहॉलों की हालत और खऱाब हो जाएगी।हडताल इसलिए है क्योंकि कई दशक बाद पहली बार हॉलीवुड के लेखक और कलाकार दोनों एक साथ हड़ताल पर है और पिकेटिंग भी कर रहे हैं। कई जानेमाने स्टूडियो बंद हैं क्योंकि उनके और स्क्रीप्ट लेखकों तथा कलाकारों की यूनियनों के बीच समझौता नहीं हो पा रहा हैं।

Hollywood Strike  हो भी कैसे? लेखकों और कलाकारों का कहना है कि उनके करियर खतरे में हैं। तभी सारी-सारी रात मोबाइल में आँखें गड़ाए किसी वेब सीरीज के एक बाद के एक एपिसोड देखने की लोगों की आदत पर खतरा है! खैर, यह मजाक का मसला नहीं है। हड़ताल का निर्णय सही है। इनमें शामिल हैं स्क्रीन राईटर्स गिल्ड और अमेरिकन फेडरेशन ऑफ़ टेलीविजऩ एंड रेडियो आर्टिस्ट्स (एसएजी-एएफटीआरए)।

इन दोनों के कुल 1,60,000 सदस्य हैं जिनमें कलाकार, स्टंट कोऑर्डिनेटर, वोईसओवर आर्टिस्ट और बैकग्राउंड एक्टर शामिल हैं। दूसरी है द राइटर्स गिल्ड ऑफ़ अमेरिका (डब्ल्यूजीए) जो फिल्म, टीवी, रेडियो और ऑनलाइन कार्यक्रमों के स्क्रिप्ट लेखकों का संगठन है। इनका मुकाबला है अलायन्स ऑफ़ मोशन पिक्चर एंड टेलीविजऩ प्रोड्यूसर्स (एएमपीटीपी) से, जिसमें डिजऩी और पैरामाउंट जैसे भीमकाय स्टूडियो, फॉक्स और एनबीसी जैसे टेलीविजऩ नेटवर्क और नेटफ्लिक्स तथा अमेजऩ जैसे ओटीटी की दुनिया के शहंशाह शामिल हैं। Hollywood Strike

Hollywood Strike  हड़ताल इसलिए शुरू हुई क्योंकि इन तीनों संस्थाओं के बीच बातचीत सिरे नहीं चढ़ी। वार्ताएं फेल हुई। फिल्म स्टूडियो और ओटीटी प्लेटफ़ॉर्मों के आकाओं का मानना है कि लेखकों, स्टंट कोऑर्डिनेटरों, कलाकारों और अन्यों, जिनके कारण फिल्में और शो बन पाते हैं, की मांगे नाजायज़ हैं। टेलीविजऩ सिटकॉम ‘द नैनी’ के पूर्व स्टार कलाकार फ्ऱां द्रेस्चर, जो एसएजी-एएफटीआरए के अध्यक्ष हैं, का कहना है कि कलाकारों की मांगों और सरोकारों पर स्टूडियो के प्रबंधनों की प्रतिक्रिया “अपमानजनक और असम्मानजनक” है।

Hollywood Strike  उनकी ये हिम्मत?

Hollywood Strike  सवाल है हॉलीवुड के कहानी लेखक व कलाकार मांग क्या रहे है? वही जो अधिकांश विवादों की जड़ में होता है – पैसा, और पैसा। पुराने सुनहले दिनों में कलाकार और लेखक सुखी और संपन्न थे। जो काम वे करते थे, उसका पैसा तो उन्हें मिलता ही था, उन्हें ‘रेसीड्वेल्स’ के ज़रिये भी सतत कमाई होती रहती थी। हॉलीवुड की भाषा में ‘रेसीड्वेल्स’ का मतलब है पुरानी फिल्मों और टीवी शो का पुनर्प्रसारण।

जब भी टीवी नेटवर्क पुनर्प्रसारण करते थे तब पुराने रिटायर्ड लेखकों और कलाकारों के पास चेक पहुँच जाते थे। परन्तु ओटीटी के काल में पुराने और नए शो और फिल्में हम जितनी बार चाहें उतनी बार हमें देखने के लिए उपलब्ध हैं। पुनर्प्रसारण जैसा कुछ अब होता नहीं है। नतीजे में कलाकारों और लेखकों की रेसीड्वेल्स से आमदनी बहुत कम हो गयी है।

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Hollywood Strike  “गिलमोर गर्ल्स” नामक एक लोकप्रिय टीवी सीरियल के कलाकार शॉन गन ने धरना स्थल पर हॉलीवुड रिपोर्टर को बताया, “गिल्मोर गर्ल्स सबसे लोकप्रिय टीवी सीरियलों में से एक है। यह लम्बे समय से नेटफ्लिक्स पर उपलब्ध है और नेटफ्लिक्स को इससे भारी आमदनी हो रही है। परन्तु उसका जऱा सा भी हिस्सा मुझे नहीं मिलता।” बात में दम तो है।

हम द ऑफिस, साईनफेल्ट, फ्रेंड्स और दूसरे नामी सीरियल बार-बार, लगातार देख रहे हैं। और इन पुराने शानदार शो के साथ-साथ नए शो और फिल्में देखने के लिए हम नेटफ्लिक्स को 649 रुपये का प्रीमियम चार्ज देते हैं (और भी प्लान हैं)। फिर उसे विज्ञापन भी मिलते हैं। कुल मिलाकर नेटफ्लिक्स की जेब नोटों से लबालब है। पर कलाकारों और लेखकों को एक कौड़ी भी नहीं मिल रही है।

Hollywood Strike  यही कारण है कि इस बार हड़ताल को सभी का समर्थन मिला है। जार्ज क्लूनी और एलेक बाल्डविन जैसे ए-लिस्टर्स (सबसे लोकप्रिय कलाकारों की श्रेणी) ने हड़ताल का समर्थन किया है और जेसन सीडेकस और सूजन सरेंडन उन सितारों में से हैं जो धरना देते नजऱ आये।‘ओपनहाइमर’ के सितारे लंदन में हुए फिल्म के प्रीमीयर से इसलिए जल्दी चले गए क्योंकि उन्हें धरने के लिए अपने प्लेकार्ड बनाने थे।

Hollywood Strike  जबकि क्रिस्टोफर नोलान (जो ओपनहाइमर, इनसेपशन, डार्क नाईटस और ऐसी ही कई अन्य फिल्मों के निदेशक रहे हैं) ने कहा कि वे हड़ताल खत्म होने तक किसी भी फिल्म का जरा सा भी काम नहीं करेंगे। इस सबका अर्थ यह है कि कोई नई फिल्म नहीं, कोई नया टीवी शो नहीं और कोई एवार्ड फंक्शन भी नहीं।

‘सक्सेशन’ के सितारे ब्रेयन काक्स ने बीबीसी को बताया कि ‘‘हड़ताल साल के अंत तक जारी रहेगी।” यदि ऐसा होता है तो इंटरनेट के जरिए हम तक पहुँचने वाले कार्यक्रमों पर भी जल्दी ही इसका असर दिखने लगेगा। एचबीओ के चेयरमेन केसी ब्लायस ने वेरायटी को बताया ‘‘हमें 2023 के अंत तक कोई दिक्कत नहीं होगी लेकिन 2024 के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता।”

Hollywood Strike  इसमें शक नहीं कि हालीवुड की यह हड़ताल ऐतिहासिक है और इससे बहुत कुछ सीखा जा सकता है। कारपोरेट क्षेत्र के दिग्ग्ज और टेक्नोलॉजी कंपनियां जो मनोरंजन उद्योग (और मीडिया उद्योग) के बारे में ज्यादा नहीं जानती, मध्ययुग के नवाब बन गये है जो रचनात्मक कार्य करने वालों और उनकी कृतियों को बहुत कम करके आंकती हैं। वक्त आ गया है कि रचनाकर्मी आवाज उठाएं और अन्य बेजुबानों की हिम्मत बंधाएं।

जहां तक टीवी पर बहुत सारे कार्यक्रम देखने वालों की बात है, उन्हें पुराने धारावाहिकों और रियलटी शोज़ के पुनप्रर्सारण देखकर काम चलाना पड़ेगा। इस बीच मैं भी शायद अपने टाटा स्काई को रिचार्ज करवाउंगी और नेटफ्लिक्स का सब्सक्रिप्शन छोड़ कर किसी कार्यक्रम के तय समय पर टीवी देखने की आदत डालूंगी।

Hollywood Strike

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