संदीप बिष्ट
देहरादून। मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्यरत सामाजिक संस्था फोरगिवनेस फाउंडेशन सोसाइटी ने कार्यक्षेत्र में महिलाओं के यौन उत्पीड़न पर पेशेवर छात्रों के लिए एक जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला में कार्यक्षेत्रों में बढ़ते यौन उत्पीड़न और इसके विषय में छात्रों को जागरूक किया गया। प्रख्यात मनोवैज्ञानिक डॉ. पवन शर्मा (द साइकेडेलिक) ने यौन अपराध से जुड़े मानसिक विकारों और उनसे बचाव के सूत्र बताये। कहा कि यौन उत्पीड़न करने वाला व्यक्ति कुंठा से ग्रस्त और स्वयं भी किसी मानसिक समस्या से जूझ रहा होता है। इसलिए यौन उत्पीड़न कर अन्य व्यक्ति पर अपना अधिकार जाहिर करना चाहता है। यौन उत्पीड़न से पीड़ित व्यक्ति का व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन खराब हो जाता है और इस आघात से निकलने में उसे बहुत समय लगता है और कई बार ये आघात जीवन भर बना रहता है। कहा की कार्यक्षेत्र में हर दो में से एक महिला किसी न किसी रूप में यौन उत्पीड़न का अनुभव करती है। इस अवसर पर कंपनी सेकेट्ररी सुनिष्ठा सिंह ने महिलाओं की सुरक्षा और कार्यक्षेत्र में पेशेवर अंदाज को बनाये रखने की महत्वपूर्ण जानकारियाँ देते हुए छात्रों को पर्सनालिटी बेहतर करने के गुर भी सिखाये। एडवोकेट कुलदीप भारद्वाज ने कार्यक्षेत्र में महिलाओं के यौन उत्पीड़न से जुड़े कानून के विषय में बहुत ही सरल भाषा में जानकारी दी । कार्यशाला के दौरान छात्रों ने कई प्रश्न पूछे जिनका वक्ताओं ने समाधान भी किया। बता दें की फोरगिवनेस फाउंडेशन सोसाइटी कई समय से कार्यक्षेत्र में महिलाओं के यौन उत्पीड़न पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करती आ रही है और यौन उत्पीड़न से पीड़ित व्यक्ति को निःशुल्क परामर्श और कानूनी मदद भी उपलब्ध कराती है।
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