(चन्द्रपाल सिंह चन्द)
कोटद्वार। राजकीय महाविद्यालय जयहरीखाल मे आयोजित कार्यक्रम में पौध रोपित कर हरेला पर्व का विधिवत शुभारंभ किया गया। इस मौके पर वक्ताओं द्वारा हरेला पर्व के बारे विस्तृत जानकारी देकर ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने की अपील की गयी।
हरेला पर्व का विधिवत शुभारंभ
नमामि गंगे इकाई के तत्वाधान में शनिवार को महाविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में प्राचार्य प्रो डॉ. लवली रानी राजवंशी द्वारा महाविद्यालय की नवनिर्मित वाटिका में पौध रोपित कर हरेला पर्व का विधिवत शुभारम्भ किया गया। इस मौके पर उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में हरेला पर्व का संदेश पर्यावरण के संरक्षण का संदेश है। इस पर्व को हरियाली का प्रतीक माना गया है। उन्होंने कहा कि प्रकृति ने हमें अनेक प्रकार के वृक्ष व जड़ीबूटियां दी हैं
उत्तराखंड में हरेला पर्व का संदेश
जो हमें प्राण वायु के रूप में आक्सीजन प्रदान करते हैं। इसलिए पर्यावरण को संरक्षित व हरा भरा रखना हमारा कर्तव्य है। इसके लिए हमें अधिक से अधिक वृक्षारोपण करना चाहिए।
महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. एसपी मधवाल व डॉ. डीसी बेबनी ने हरेला पर्व के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हरेला का अर्थ हरियाली से है। यह पर्व हरियाली और नई ऋतु के शुरू होने का सूचक भी है। उत्तराखंड में हरेला पर्व से सावन शुरू होता है। इस पर्व पर हमें अपनी देवभूमि को हरा भरा रखने के लिए वृक्ष लगाने का संकल्प लेना चाहिए।
इस अवसर पर महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. आरके द्विवेदी, डॉ. वीके सैनी, डॉ. संजय मदान, डॉ. पंकज कुमार, डॉ. प्रीति रावत, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी राजवीर सिंह रजवार, प्रयोगशाला सहायक बलवंत सिंह नेगी समेत समस्त कर्मचारी उपस्थित रहे।