संदीप बिष्ट
कोटद्वार। गढ़वाल और उसके आस पास के कई क्षेत्रों में लगातार 6 घंटे की वर्षा के कारण कण्व नगरी कोटद्वार के मालन नदी पर बना सेतु पुल का एक हिस्सा धराशाई हो गया तथा सेतु पर खड़े होकर नदी के जल स्तर को देख रहे 5 लोग सेतु के धराशाई होते ही नदी में बह गए। मौके पर एस .डी.आर.एफ ने 2 लोगों का रेस्क्यू किया जबकि काफी खोजबीन के बाद भी 3 युवाओं का कुछ भी पता नहीं चल पाया। जिसमे में से 3 व्यक्ति हल्दूखत्ता तथा 2 मोटाढांग क्षेत्र के बताये जा रहे है। रेस्क्यू किये गए दोनों घायल व्यक्तियों को प्रशासन ने प्राथमिक उपचार के लिए बेस हॉस्पिटल कोटद्वार में भर्ती कर दिया जहाँ उनका ईलाज चल रहा है।
सेतु के गिरने का मुख्य कारण वर्षा के अलावा पूर्व के वर्षों में कोटद्वार की नदियों में मानकों के विपरीत रिवरचैनेलाइजेशन के नाम पर हुआ अवैध खानन भी रहा। यह कहना गलत नहीं होगा पूर्व के वर्षों में कोटद्वार की नदियों में सरकार एवं विपक्ष की मिली भगत से मानकों के विपरीत जमकर अवैध खनन हुआ जिसमें स्थानीय प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन तक मौन सादे रहा। बता दें विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण के पिता पूर्वमुख्य मंत्री एवं मेजर जनरल भुवन चंद्र खंडूड़ी के ईमानदार अथक प्रयासों से कोटद्वार के मालन, सुखरौ सहित कई नदियों में सेतु निर्माण का कार्य संपन्न हुआ था। लेकिन पूर्व की सरकारों की उदासीनता और मिलीभगत के कारण आज गढ़वाल कुमाऊं के साथ ही कोटद्वार भाबर की लाइफ लाइन मानी जाने वाले मालन नदी पर बने सेतु ने भी हार मान ली और धराशाई हो गया।
विधानसभा अध्यक्ष ने घटना स्थल पर पहुंचकर आपदा प्रबंधन सचिव आर. सिन्हा से दूरभाष के माध्यम से अपनी नाराजगी व्यक्त कर कड़ी फटकार लगाकर और जल्द से जल्द इस इस समस्या के समाधान हेतु निर्देशित किया। उन्होंने पुल का हिस्सा ढह जाने से घायल हुए व्यक्तियों से भेंट कर उनकी कुशलछेम पूछी तथा उपचार कर रहे चिकित्सकों से उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली तथा कोटद्वार रतनपुर कुंभीचौड़ के झूला पुल का अधिकारियों के साथ निरीक्षण भी किया।