डॉ. राजेन्द्र सिंह ने महाराजा अग्रसेन हिमालयन गढ़वाल विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को दी पादप कीटों के जैविक नियंत्रण की जानकारी

संदीप बिष्ट
पोखड़ा। प्रसार शिक्षा के अतंर्गत महाराजा अग्रसेन हिमालयन गढ़वाल विश्वविद्यालय, पोखड़ा, उत्तराखंड में कृषि संकाय विभाग द्वारा विद्यार्थीयों के विकास हेतु कृषि कीट विज्ञान विषय पर तीन दिवसीय विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। व्याख्यान के मुख्य अतिथि प्रोफेसर डॉ.राजेन्द्र सिंह , जैव नियंत्रण प्रयोगशाला, प्रभारी, कीट विज्ञान विभाग, सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मेरठ,ने तीन दिवसीय अतिथि व्याख्यान के माध्यम से विद्यार्थियों को अपना अनुभव साझा करते हुए पादप कीटों के नियंत्रण हेतु जैविक नियंत्रण सर्वोत्तम उपाय बताया।


विश्वविद्यालय प्रति कुलपति महोदय प्रोफेसर डॉ संजय दास ने प्रोफेसर डॉ.सिंह का स्वागत करते हुए परिचय कराते हुए कहा की प्रोफेसर डॉ. राजेन्द्र सिंह ने अपना सम्पूर्ण जीवन विशेष रूप से कृषि कीट विज्ञान शिक्षण, अनुसंधान और विस्तार के लिए समर्पित किया है। उन्होंने आवश्यकता पड़ने पर क्षेत्रीय किसानों को पौधों की सुरक्षा की सलाह देते हुए किसानों एक कृषि कार्यों के लिए जीवंत संबंध भी बनाया बनाया है। साथ ही डॉ. सिंह ने कीट विज्ञान में 18 परास्नातक (कृषि) कीट विज्ञान और 09 विद्या वाचस्पति कीट विज्ञान छात्रों को थीसिस अनुसंधान कार्यों के लिए मार्गदर्शन/सह-मार्गदर्शन भी किया है।
इस अवसर पर डॉ.टीकम सिंह (कुलसचिव), डॉ. योगेश कुमार अग्रवाल (विभागाध्यक्ष, कृषि), डॉ. राघवेन्द्र कुमार आर्यन, डॉ. विपिन मिश्रा, नीतीश कुमार (सहायक प्राध्यापक कृषि) एवं समस्त कृषि संकाय विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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