संदीप बिष्ट
जोशीमठ। देवभूमि उत्तराखंड के जिला चमोली के कल्प क्षेत्र उरगम घाटी के शीर्ष पर 10000 फीट की ऊंचाई पर स्थित फ्यूंलानारायण मंदिर के कपाट आगामी जुलाई को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिये गए है। इस वर्ष श्रावण संक्रांति के दिन अमावस्य होने के कारण मंदिर के कपाट श्रावण मास के 3 गते को खोले दिये है। मंदिर आगामी नंदा अष्टमी से नवमी तिथि तक खुला रहता है। बता दें की यह विष्णु भगवान अति प्राचीन और एकलौता मंदिर है जहाँ पुजारी चंद्र मोहन सिंह पंवार तथा 65 वर्षीय महिला पुजारी पार्वती देवी पूजा अर्चना करती है और महिला पुजारी को फ्यूंल्यांण कहा जाता है। मंदिर में प्रतिवर्ष भरकी ,भेंटा ,पिलखी ,ग्वाणा एवं अरोसी गांव के लोग अपनी बारी के अनुसार पूजा करने जाते हैं मेला समिति के द्वारा यहां पूजा करने के लिए प्रति परिवार 4 किलो गेहूं ढाई सौ ग्राम तेल व पूजा सामग्री दी जाती है। कपाट खोलने के लिए लोगों में भारी उत्सुकता देखी गई। वहीँ मंदिर का रंग रोगन करने वाले सामाजिक संगठन फ्यूंलानारायण फ्रेंड्स ग्रुप के अध्यक्ष उजागर सिंह फरस्वान ने कहां की इस वर्ष मंदिर के कपाट खुलने के के समय मंदिर को 50 किलो फूलों से भव्य रूप से सजाया गया। विधिवत पूजा अर्चना के साथ ठीक 11 : 30 सुबह मंदिर के कपाटों को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया। यह स्थान अत्यंत रमणीक और सुंदर है और इस स्थान की महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है कि भगवान शंकर कल्पेश्वर के जटा जूट के शिवलिंग के शीर्ष ऊपर भगवान नारायण का मंदिर है। माना जाता है कि भगवान शंकर के ईष्ट देव नारायण है। यहां पर भगवान की विशेष पूजा अर्चना सत्तू ,घी ,दूध से की जाती है। यहां भगवान विष्णु के अलावा महालक्ष्मी, मां सरस्वती, वनदेवी भूमियाल देवता, जाख, वन देवियां दाणू देवता तथा भल्ला दाणू, जबर दाणू, हमीर दाणू, चौहान दाणू सहित अन्य कई देवताओं का पूजन होता है। मंदिर में अखंड धूनी के अलावा कई सामाजिक नियम है जिसका पालन करना आवश्यक है।
इस अवसर पर फ्यूंलानारायण फ्रेंड्स गुरूप ने विशेष सहयोग किया गया तथा मेला समिति के अध्यक्ष हर्षवर्धन सिंह ,रघुवीर सिंह चौहान ,उजागर सिंह, देवेंद्र सिंह, प्रमुख हरीश परमार ,प्रधान मंजू देवी ,भरकी रघुवीर सिंह नेगी ,यशवंत सिंह चौहान,भरत सिंह नेगी बलवंत सिंह, उजागर सिंह, चंद्रमोहन सिंह पंवार, दर्शन सिंह चौहान आदि लोग उपस्थित रहे।