देहरादून मस्जिद परिसर पल्टन बाज़ार में एक प्रैस वार्ता का आयोजन किया गया, जिसको संबोधित करते हुए शहर क़ाज़ी मुहम्मद अहमद क़ासमी ने कहा की हल्द्वानी की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है, तथा प्रशासन एवं शासन की नाकामी प्रदर्शित करती है, मुस्लिम सेवा संगठन के अध्यक्ष नईम कुरैशी ने कहा की जिस प्रकार से मस्जिद एवं मदरसे को ध्वस्त किया गया, यह किसी साज़िश की ओर इशारा करता है, जिस प्रकार पुलिस द्वारा भीड़ पर गोलाबारी की गई यह न्यायोचित नहीं है तथा हमें जलियांवाला कांड की याद दिलाती है।
इस प्रकरण के विरुद्ध हम कोर्ट में जायेंगे, जमात ए इस्लामी के 3 सदस्य लइक अहमद ने कहा की हल्द्वानी में जो कुछ हुआ जमीयत ए इस्लामी इसका विरोध करती है और इस प्रकरण को राष्ट्रीय स्तर पर उठाया जायेगा। जमात ए इस्लामी के महासचिव शफी मदनी ने कहा की हमने हल्द्वानी में दंगा पीड़ित लोगो से बात की वहां के हालात बहुत खराब है हम प्रशासन से मांग करते है की जल्द से जल्द वहां से कर्फ्यू हटाया जाए और सहायता सामग्री भिजवाई जाए।
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प्रैस के अपने संबोधन में मुस्लिम सेवा संगठन के उपाध्यक्ष आकिब कुरैशी ने कहा की जब नगर आयुक्त का तबादला हो चुका था तो वो प्रशासनिक निर्णय कैसे ले रहे थे। जब यह मामला कोर्ट में था और 14 फरवरी हाई कोर्ट में लगी हुई थी तो ध्वस्तीकरण किस आदेश ने तहत हुआ, नगर निगम के पास परिसर खाली कराने का आदेश था ना की ध्वस्तीकरण का धरने पर बैठी महिलाओं पर लाठी चार्ज क्यों किया गया।गोली मारने का आदेश मुख्यमंत्री द्वारा रात को दिया गया तो दिन में पुलिस ने किसके आदेश पर और क्यों गोली चलाई, इन सब बातों को लेकर संवैधानिक दायरे में रहते हुए कड़ा विरोध किया जाएगा।