crime news मेरठ। सरकारी राशन की कालाबाजारी न हो और प्रत्येक परिवार को पूरा राशन मिले। इसकी निगरानी को लगाए गए कर्मचारी नदारद हैं। नतीजतन, कई राशन डीलर कार्ड धारकों को कम राशन दे रहे हैं, जिसकी शिकायत प्रशासनिक अधिकारियों से की गई है। सरकारी गेहूं और चावल की कालाबाजारी के आरोप लगाए जा रहे हैं।
crime news जिले में 890 से अधिक सरकारी राशन की दुकानें हैं। जिले में 5.50 लाख राशन कार्ड हैं। प्रत्येक माह 24 लाख 52 हजार लोगों के नाम से राशन वितरण किया जाता है। प्रत्येक व्यक्ति के नाम दो किलो गेहूं और तीन किलो चावल वितरण किया जाता है। crime news
crime news राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत सभी को राशन मिले और कालाबाजारी न हो इसको लेकर भी सरकार ने काफी प्रयास किए हैं, लेकिन अभी भी काफी लोगों तक पूरा राशन नहीं पहुंच पा रहा है। नियमानुसार निगरानी में लगाए गए कर्मचारियों को प्रतिदिन राशन वितरण के समय दुकान पर तैनात रहना चाहिए, ताकि राशन डीलर कार्ड धारकों को पूरा राशन दे। इसकी पूरी रिपोर्ट कर्मचारी के हस्ताक्षर से जारी होती है। शिकायतों के बाद भी जिलापूर्ति विभाग के अधिकारी व्यवस्था में सुधार नहीं करा पा रहे हैं। crime news
निगरानी में निगम और देहात में ग्राम पंचायत अधिकारी
crime news जिला प्रशासन की रिपोर्ट के मुताबिक महानगर में नगर निगम, मवाना और सरधना में नगर पालिका कर्मचारी, नगर पंचायतों में पंचायत कर्मचारी और गांवों में सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों पर ग्राम पंचायत सचिव की ड्यूटी लगाई गई है। ये सभी कर्मचारी सरकारी रिपोर्ट में अपने सामने राशन का वितरण दर्शाते हैं। crime news
हर महीने पांच से 20 तारीख तक खुलनी चाहिए दुकानें
crime news प्रत्येक कार्ड धारक को सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान से राशन मिले, इसके लिए सरकार ने दुकानें खोलने की तिथि और समय भी निर्धारित किया है। नियमानुसार हर माह पांच से 20 तारीख तक प्रतिदिन दुकान खुलनी चाहिए। crime news
crime news इतना ही नहीं प्रत्येक दिन कम से 300 कार्ड धारकों को राशन वितरित किया जाना चाहिए। लोगों का आरोप है कि इस आदेश का कुछ राशन डीलर अनुपालन कर रहे हैं, जबकि अधिकतर दुकानदार न तो समय पर दुकानें खोलते हैं और न ही पूरा राशन दे रहे हैं। crime news
सुधार नहीं हो पा रहा: जिलापूर्ति अधिकारी
crime news सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों पर विभिन्न विभागों के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाए जाने का मतलब अपने सामने राशन वितरण करना है। काफी कर्मचारी ऐसे हैं जो मौके पर मिलते ही नहीं हैं। कई बार पत्राचार भी किया गया, लेकिन सुधार नहीं हो सका है। – विनय सिंह, जिलापूर्ति अधिकारी। crime news
crime news नई बस्ती लल्लापुरा निवासी शकुंतला ने बताया कि परिवार में पांच सदस्य हैं। साबुन गोदाम की केवीएस राशन की दुकान से राशन लेते हैं। एक यूनिट का कम राशन दिया जाता है। शिकायत करते हैं तो कोई सुनता ही नहीं। श्यामनगर निवासी जैबुन्निशा ने बताया कि श्यामनगर में ही गीता गुप्ता की दुकान से राशन लेते हैं। कई बार चावल मिलता ही नहीं है। दुकान कहते हैं कि चावल आया ही नहीं है। ब्रह्मपुरी निवासी रज्जो देवी ने बताया कि कपिल शर्मा की दुकान से राशन लेते हैं। दुकान समय पर नहीं खुलती। परिवार में तीन सदस्य हैं। कभी पूरा राशन नहीं मिलता है। शिकायत करेंगे तो राशन कार्ड खत्म करा दिया जाएगा। crime news
crime news माधवपुरम निवासी शीतला देवी बताती हैं कि परिवार में तो चार सदस्य हैं। राशन में दो अन्य लोगों के नाम हैं। राशन डीलर नरेश है, अंगूठा हमसे लगवाता है और दो अन्य लोगों का राशन हजम कर जाता है। crime news